बिहार के सिवान जिले से आने वाले ब्रजेश सिंह ने यह साबित कर दिया है कि यदि सरकार की योजनाओं का सही तरीके से लाभ उठाया जाए, तो कोई भी व्यक्ति न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बना सकता है, बल्कि दूसरों को भी रोज़गार देकर समाज में बदलाव की मिसाल पेश कर सकता है।
ब्रजेश सिंह ने “मुख्यमंत्री उद्यमी योजना” के अंतर्गत आर्थिक सहायता और मार्गदर्शन प्राप्त कर “रूद्र इंटरप्राइजेज” की शुरुआत की। आज उनकी कंपनी डिटर्जेंट, सर्फ, फ्लोर क्लीनर, टॉयलेट क्लीनर और अन्य हाउसकीपिंग एवं FMCG प्रोडक्ट्स का निर्माण कर रही है। उनकी इस पहल से अब तक 15 से ज्यादा लोगों को स्थायी रोजगार मिल चुका है।
📦 कैसे शुरू हुई रूद्र इंटरप्राइजेज?
ब्रजेश सिंह ने व्यवसाय शुरू करने से पहले लंबे समय तक नौकरी की तलाश की, लेकिन स्थानीय स्तर पर स्थायी और सम्मानजनक अवसर नहीं मिले। इसी दौरान उन्हें मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की जानकारी मिली, जो बिहार सरकार द्वारा युवाओं को स्वरोजगार के लिए शुरू की गई एक प्रमुख योजना है। योजना के अंतर्गत उन्हें न केवल ब्याज रहित लोन और सरकारी अनुदान मिला, बल्कि व्यवसाय चलाने की प्रशिक्षण सुविधा भी प्रदान की गई।
उन्होंने इस योजना के तहत वित्तीय सहायता लेकर ‘रूद्र इंटरप्राइजेज’ की नींव रखी और एक छोटे स्तर पर डिटर्जेंट पाउडर और लिक्विड क्लीनर का निर्माण शुरू किया।
🧴 क्या बनाते हैं ब्रजेश की यूनिट में?
आज रूद्र इंटरप्राइजेज में कई तरह के FMCG और हाउसकीपिंग उत्पादों का निर्माण होता है, जिनमें शामिल हैं:
- डिटर्जेंट पाउडर
- सर्फ और लिक्विड डिटर्जेंट
- टॉयलेट क्लीनर
- फ्लोर क्लीनर
- हैंड वॉश
- फिनाइल
इन प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि स्थानीय बाजार में इनकी पहचान एक गुणवत्ता युक्त और भरोसेमंद ब्रांड के रूप में हो सके।
👨🔧 रोजगार सृजन की मिसाल
ब्रजेश सिंह की यूनिट में फिलहाल 15 से अधिक लोग प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं, जिनमें महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में शामिल हैं। इसके अलावा, कई लोग इन उत्पादों की डिस्ट्रीब्यूशन और सेल्स से भी जुड़े हैं, जिससे अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा हो रहा है।
एक मजदूर सुनील कुमार बताते हैं, “पहले बाहर काम करने जाना पड़ता था, अब गांव में ही अच्छी सैलरी पर स्थायी रोजगार मिल गया है।”
💰 लाभदायक बिजनेस मॉडल
ब्रजेश का बिजनेस मॉडल बहुत ही सुलझा हुआ और कम लागत में ज्यादा उत्पादन करने पर आधारित है। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल का उपयोग कर वे उत्पादन की लागत को नियंत्रित रखते हैं और उत्पादों को किफायती दरों पर बाजार में बेचते हैं। इससे उनकी यूनिट को अच्छी प्रॉफिट मार्जिन मिल रही है और ग्राहक भी संतुष्ट हैं।
उनका मानना है, “अगर सरकार की योजना और खुद की मेहनत साथ हो, तो कोई भी व्यापार सफल हो सकता है।”
🧭 आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम
ब्रजेश सिंह की यह यात्रा सिर्फ एक बिजनेस की कहानी नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के सपने की एक जीवंत मिसाल है। उन्होंने यह दिखाया है कि सरकारी योजनाएं सिर्फ कागज़ी बात नहीं होतीं — अगर इच्छाशक्ति और मेहनत हो, तो उन्हें ज़मीन पर उतारकर बदलाव लाया जा सकता है।
📈 भविष्य की योजना
ब्रजेश सिंह अब अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। उनका अगला लक्ष्य है:
- ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म शुरू करना
- नए प्रोडक्ट्स जैसे डिशवॉश जेल और एंटीसेप्टिक लिक्विड लॉन्च करना
- बिहार के अन्य जिलों में फ्रेंचाइज़ी नेटवर्क बनाना
🔚 निष्कर्ष
ब्रजेश सिंह की कहानी न सिर्फ युवाओं को प्रेरित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकारी योजना और स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग करके कोई भी व्यक्ति न केवल खुद का भाग्य बदल सकता है, बल्कि दूसरों को भी अवसर दे सकता है।
यदि आप भी कोई बिज़नेस शुरू करने की सोच रहे हैं, तो ब्रजेश सिंह की यह कहानी आपको जरूर प्रेरित करेगी।