बिहार के ऐतिहासिक और धार्मिक शहर गया से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। भारतीय रेलवे ने गया जंक्शन रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अब ‘गया जी रेलवे स्टेशन’ रखने का निर्णय लिया है। यह कदम स्थानीय जनभावनाओं और गया के धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
क्यों बदला गया गया जंक्शन का नाम?
गया शहर हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु पिंडदान और श्राद्ध कर्म के लिए आते हैं। माना जाता है कि यहां किए गए पिंडदान से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को मान्यता देते हुए गया जंक्शन को अब आधिकारिक तौर पर ‘गया जी’ नाम दिया गया है, ताकि इसकी पहचान धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से और भी सशक्त हो।
रेलवे मंत्रालय का आधिकारिक ऐलान
रेलवे मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि नाम परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अब स्टेशन के सभी साइनबोर्ड, डिजिटल डिस्प्ले, टिकटों और रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘गया जी रेलवे स्टेशन’ नाम दिखेगा। इसके साथ ही स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया जा रहा है, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके।
स्थानीय लोगों में खुशी की लहर
नाम परिवर्तन की घोषणा के बाद गया शहर में हर्ष का माहौल है। स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों ने इसे एक ऐतिहासिक और सम्मानजनक फैसला बताया है। उनका कहना है कि यह निर्णय गया की आध्यात्मिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी मजबूती देगा।
क्या है गया जी का धार्मिक महत्व?
गया का उल्लेख रामायण, महाभारत और कई पुराणों में भी मिलता है। भगवान विष्णु के चरण यहां स्थित हैं, जिन्हें ‘विष्णुपद मंदिर’ कहा जाता है। यहां की फल्गु नदी, अक्षयवट और गया तीर्थ जैसी जगहों पर सालभर देशभर से श्रद्धालु आते हैं। ‘गया जी’ नाम से इसे पहचान दिलाना एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष
गया जंक्शन का नाम बदलकर ‘गया जी’ किया जाना सिर्फ एक नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और सम्मान का प्रतीक है। यह फैसला गया की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है और आने वाले समय में इसे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के रूप में भी देखा जा रहा है।